
खेलों की प्रतीकात्मक तस्वीर
विशेष चीज़ें
- अब चयन समिति का गठन बाद में किया जाएगा
- सूत्रों ने कहा कि इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा
- कई दिग्गज खिलाड़ियों को नॉमिनेट किया गया है
नयी दिल्ली:
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया इस साल ओलंपिक खेलों के बाद तक के लिए स्थगित किए जाने की संभावना है ताकि चयन पैनल द्वारा टोक्यो खेलों के पदक विजेताओं के नामों पर भी विचार किया जा सके। अभी चयन समिति का गठन भी नहीं हुआ है। ये पुरस्कार हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर देश के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाते हैं, जो कि महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है। ओलंपिक 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होंगे। खेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें इस साल के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए पहले ही नामांकन मिल चुका है। इस साल के पुरस्कारों के लिए ओलंपिक पदक विजेताओं के नाम, अगर कोई पदक जीतता है तो उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक 8 अगस्त को समाप्त होगा, ऐसे में पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया में देरी हो सकती है.’
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ओलंपिक 8 अगस्त को खत्म हो रहा है और अगर चयन पैनल खेलों के खत्म होने के 10 दिनों के भीतर नामों को अंतिम रूप नहीं देता है तो समारोह में वैसे भी देरी होगी। सूत्र ने कहा, ‘हम जल्द ही इस मसले पर अंतिम फैसला लेंगे। इस पर फैसला करने के लिए हमने ओलंपिक के तुरंत बाद एक और बैठक की योजना बनाई है। अगर हमारा कोई खिलाड़ी ओलिंपिक मेडल जीतता है तो निश्चित रूप से उसके नाम पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘अगर हम एक सप्ताह या 10 दिनों के भीतर ओलंपिक के बाद बैठक आयोजित कर सकते हैं तो पुरस्कार 29 अगस्त को दिए जाएंगे, अन्यथा कुछ दिनों की देरी हो सकती है।’ कोविड-19 महामारी के बीच सख्त स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के बीच होने वाले ओलंपिक खेलों में भारत के 120 से अधिक खिलाड़ी पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे। खेलों के दौरान दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
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दो बार विस्तार के बाद, राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया 5 जुलाई को समाप्त हो गई। महामारी को देखते हुए, आवेदकों को स्व-नामांकन करने की अनुमति दी गई, जबकि राष्ट्रीय महासंघों ने भी अपनी प्राथमिकताएँ भेजीं। पिछले साल इन पुरस्कारों की इनामी राशि में इजाफा किया गया था। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता को अब 25 लाख रुपये मिलते हैं, जबकि पहले यह राशि 7.5 लाख रुपये थी।
अर्जुन पुरस्कार की पुरस्कार राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है। द्रोणाचार्य (आजीवन उपलब्धि) पुरस्कार के लिए पहले 5 लाख रुपये के बजाय 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं को भी 5 लाख रुपये की जगह 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी। पिछले साल महामारी के कारण पुरस्कार समारोह का आयोजन ऑनलाइन किया गया था।
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