The ‘game’ in the name of 10 bigha sports ground for 20 years | 10 बीघा के खेल मैदान के नाम पर 20 साल से हो रहा ‘खेल’, 50 करोड़ की जमीन खाली करवाने में प्रशासन नाकाम

स्थानोंअलवरप्रकाशित: अप्रैल 07, 2023 पूर्वाह्न 11:07:39 बजे

अलवर। कहीं सरकारी जमीन बांटी जा रही है तो कहीं खेल मैदानों पर कब्जा किया जा रहा है। मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र (एमआईए) के प्रवेश से पहले देसुला गांव में सड़क से कुछ दूरी पर खेल के मैदान की 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। सौ से ज्यादा कच्चे मकान खड़े हो गए। दर्जनों पक्का होने की राह पर हैं। 50 करोड़ से अधिक की इस जमीन को 20 साल में खाली नहीं करा पाया तहसील प्रशासन। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस दिए गए और अब दोबारा नोटिस देने की तैयारी है।

10 बीघा खेल मैदान के नाम पर 20 साल से चल रहा 'खेल', 50 करोड़ की जमीन खाली कराने में प्रशासन नाकाम

10 बीघा खेल मैदान के नाम पर 20 साल से चल रहा ‘खेल’, 50 करोड़ की जमीन खाली कराने में प्रशासन नाकाम

अलवर। कहीं सरकारी जमीन बांटी जा रही है तो कहीं खेल मैदानों पर कब्जा किया जा रहा है। मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र (एमआईए) के प्रवेश से पहले देसुला गांव में सड़क से कुछ दूरी पर खेल के मैदान की 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। सौ से ज्यादा कच्चे मकान खड़े हो गए। दर्जनों पक्का होने की राह पर हैं। 50 करोड़ से अधिक की इस जमीन को 20 साल में खाली नहीं करा पाया तहसील प्रशासन। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस दिए गए और अब दोबारा नोटिस देने की तैयारी है।
खेल का मैदान एमआईए वाले रोड पर दिल्ली मार्ग से केवल एक किमी दूर है। इस मैदान तक पहुंचने के लिए सड़क एक निजी स्कूल के पास से गुजरती है। 100 मीटर आगे बढ़ते ही यहां गड्ढे ही गड्ढे नजर आएंगे। यहां अवैध खनन हुआ है। कहा जाता है कि यहीं से खेल के मैदान की भूमि शुरू होती है। उसी के पास कच्ची बस्ती शुरू हो रही है। घर मिट्टी की ईंटों से बने हैं। कुछ ने कच्चे शौचालय भी बनाए। यहां कच्चे घरों की बस्ती बसी। इस कॉलोनी में एक हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बताया जाता है कि दूसरे राज्यों से यहां काम करने के लिए कई लोग आए और खेल के मैदान की जमीन पर रहने लगे और बाद में घर बना लिए। लोगों की शिकायतें प्रशासन तक पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। खेल मैदान पहले खेल विभाग के पास था। विभाग ने भी कोई कदम नहीं उठाया।

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