जागरण संवाददाता, बलिया : शासन के सख्त निर्देश के बावजूद सर्वोच्च प्राथमिकता के कार्यों में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। जिला पंचायत राज विभाग में सब कुछ ठप चल रहा है। सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवनों के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। प्रधान, सचिव व अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार खामियां सामने आ रही हैं। इस लापरवाही को लेकर कार्रवाई के नाम पर नोटिस का खेल चल रहा है। सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है।
पिछले दो माह में गडवार, नगरा, सीर, बांसडीह समेत अन्य प्रखंडों के दर्जनों गांवों में सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवनों के निर्माण में घोर अनियमितता सामने आई थी. ऐसे में विभाग ने करीब 10 सचिवों और चार प्रधानों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. नोटिस में तीन दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर कार्रवाई लिखी थी। इतने दिनों बाद भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
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बांसडीह प्रखंड के चार गांव बने भ्रष्टाचार की पहचान — बांसडीह प्रखंड के चार गांव बने भ्रष्टाचार की पहचान. यहां बिना काम कराए ही भुगतान कर दिया गया। सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। मामला पिछली ग्राम पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासनिक समिति के समय का है। ग्राम पंचायत हलपुर, मल्हौवां, देवर केवल एक सचिव के प्रभार में रहे। इन गांवों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के नाम पर घोर लापरवाही की गई है। सभी शौचालय आधे-अधूरे हैं। ऐसी ही स्थिति ग्राम पंचायत सुरहिया की है। इन गांवों में करीब 10 लाख का गबन किया गया है। एडीपीआरओ तकनीकी श्रवण कुमार सिंह ने हाल ही में इसकी जांच की तो भ्रष्टाचार सामने आया। ,
जिन सचिवों को नोटिस भेजा गया था, उनका जवाब मिल गया है। उनका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। लापरवाही साबित होने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।–अजय कुमार श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज पदाधिकारी।
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